Wednesday, January 13, 2010

शक्ति







हार गये ?
तो क्या !
हार कोई
अंतिम चरण नहीं होती!

प्रयास करो,
एक बार और , एक बार फिर -
ज़िन्दगी
यहाँ
ख़तम नहीं होती !


उस हार के भीतर बीज था
जीत का !
नहीं दिखा ?

रुक के सोच लो ,
एक बार और , एक बार फिर -
इस सरलता से जीत

दमन
नहीं होती !


प्रयास करो,
एक बार और , एक बार फिर _
ज़िन्दगी यहाँ ख़तम नहीं होती !


दूर तक कोई सिला,
तुमने चाहा पर नहीं मिला ,

मुड़ के देख लो,
एक बार और , एक बार फिर _
आखरी
बची साँस
भी कम नहीं होती


प्रयास करो ,
एक बार और , एक बार फिर -
ज़िन्दगी यहाँ ख़तम नहीं होती !






















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